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Wheat procurement

गेहूं की बुवाई हुई पूरी, सरकार ने की तैयारी, 15 मार्च से शुरू होगी खरीद

गेहूं की बुवाई हुई पूरी, सरकार ने की तैयारी, 15 मार्च से शुरू होगी खरीद

देश में महंगाई चरम पर है. सब्जी और दाल के साथ आटे के दाम भी आसमान छू रहे हैं. बढ़ी हुई महंगाई ने आम आदमी के बजट और जेब दोनों पर डाका डाल दिया है. इन बढ़े हुए दामों ने केंद्र सरकार को भी परेशान कर रखा है. वहीं बात महंगे गेहूं की करें तो, अब इसके दाम कम हो सकते हैं. आम जनता के लिए यह बड़ी राहत भरी खबर हो सकती है. देश में कई बड़े राज्यों में गेहूं की बुवाई का काम हो चुका है. बताया जा रहा है कि इस साल बुवाई रिकॉर्ड स्तर पर की गयी है. हालांकि भारत के बड़े हिस्से में गेहूं की बुवाई की जाती है. जिसके बाद केंद्र सरकार 15 मार्च से गेहूं खरीद का काम शुरू कर देगी. इसके अलावा इसे जमीनी स्तर पर परखने के लिए खाका भी तैयार किया जा रहा है.

आटे की कीमतों पर लगेगी लगाम

हाल ही में केंद्र सरकार ने गेहूं और आटे की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए खुले बाजार में लगभग तीस लाख टन गेहूं बेचने की योजना का ऐलान किया था. बता दें ई-नीलामी के तहत बेचे जाने वाले गेहूं को उठाने और फिर उसे आटा मार्केट में लाने के बाद उसकी कीमतों में कमी आना तय है.
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जानकारी के लिए बता दें कि, OMSS  नीति के तहत केंद्र सरकार FCI को खुले बाजार में पहले निर्धारित कीमतों पर अनाज खास तौर पर चावल और गेहूं बेचने की अनुमति देती है. सरकार के ऐसा करने का लक्ष्य मांग ज्यादा होने पर आपूर्ति को बढ़ाना है और खुले बाजार मनें कीमतों को कम करना है. भारत में गेहूं की पैदावार पिछले साल यानि की 2021 से 2022 में 10 करोड़ से भी ज्यादा टन था. गेहूं की पैदावार की कमी की राज्यों में अचानक बदले मौसम, गर्मी और बारिश की वजह से हुई. जिसके बाद गेहूं और गेहूं के आटे के दामों में उछाल आ गया.
किसानों को सरकार का तोहफा, अब 80 प्रतिशत खराब हो चुके गेहूं की भी होगी खरीदारी

किसानों को सरकार का तोहफा, अब 80 प्रतिशत खराब हो चुके गेहूं की भी होगी खरीदारी

पिछले कई हफ्तों में देखा गया है कि देश भर में गेहूं की फसल पर मौसम की जबरदस्त मार पड़ी है। जिसके कारण फसल की उपज बुरी तरह से प्रभावित हुई है। साथ ही क्वॉलिटी में भी गिरावट आई है। इसको देखते हुए अब सरकार ने किसानों की मदद करने का ऐलान किया है। देश की केंद्र सरकार ने हरियाणा के किसानों को गेहूं खरीदी में छूट प्रदान की है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि यदि किसानों के गेहूं की चमक फीकी पड़ गई है तो भी उसे खरीद लिया जाए। सरकारी अधिकारियों ने बताया है कि केंद्र सरकार द्वारा हरियाणा के किसानों से ऐसे गेहूं की खरीदारी करने के आदेश दिए गए हैं जिनकी मौसम की मार के कारण 80 फीसदी तक चमक खराब हो चुकी है। साथ ही गेहूं पूरी तरह से बेजान हो चुका है। सरकार ने कहा है कि ऐसी फसल को 5.31 रुपये प्रति क्विंटल की मूल्य कटौती के साथ खरीद लिया जाएगा। विगत दिनों बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल को काफी नुकसान हुआ था। जिसको देखते हुए हरियाणा की सरकार ने केंद्र सरकार से राज्य के किसानों को गेहूं विक्रय में छूट देने की मांग की थी। इस मांग को केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है और खराब हो चुके गेहूं की खरीदारी करने के आदेश दिए हैं। ताकि राज्य के किसानों को किसी भी प्रकार का घाटा न उठाना पड़े। केंद्र सरकार के इस फैसले का हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला ने स्वागत किया है। फिलहाल हरियाणा में 2,125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सरकार गेहूं की खरीदी कर रही है। जिसका भुगतान 48 घंटे के भीतर किसान के बैंक खाते में किया जा रहा है। यह भी पढ़ें: गेहूं की फसल बारिश और ओले के अलावा इस वजह से भी होगी प्रभावित खराब गेहूं की खरीदी के आदेश के बावजूद किसान सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं। दरअसल किसान बेजान गेहूं की खरीद पर प्रति क्विंटल 5.31 रुपये की कटौती नहीं देना चाहते हैं। हरियाणा के कई किसान संगठनों ने कहा है कि अगर सरकार कटौती का फैसला वापस नहीं लेती है तो किसान मंडियों के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे। मौसम की मार के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इस नुकसान को देखते हुए राज्य सरकार ने किसानों को बर्बाद हुई फसलों के एवज में  मुआवजा देने के लिए कहा है। इसके लिए सरकार ने ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल भी दोबारा खोल दिया है, ताकि किसान अपनी फसल को हुए नुकसान का ब्योरा यहां पर अपलोड कर सकें। सरकारी अधिकारियों द्वारा किसानों  के हुए नुकसान का मूल्यांकन किया जाएगा, इसके बाद मई में डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से किसान के बैंक खाते में मुआवजा राशि भेज दी जाएगी।
इस राज्य में 24 लाख टन गेहूं की खरीद बढ़ी, क्या इससे किसानों को होगा फायदा

इस राज्य में 24 लाख टन गेहूं की खरीद बढ़ी, क्या इससे किसानों को होगा फायदा

पंजाब राज्य सरकार की तरफ से अंदाजा लगाया जा रहा है, कि प्रदेश में इस वर्ष विगत वर्ष के मुकाबले गेहूं की खरीद में इजाफा किया जाएगा। विगत वर्ष जहां आंकड़ा 96.47 करोड़ के करीब रहा था। इसबार वह आंकड़ा काफी ज्यादा रहेगा। भारत के बहुत सारे राज्यों में गेहूं कटाई चल रही है। किसान गेहूं को काटकर तत्काल मंडी लेकर पहुंच रहे हैं। किसान भाई सर्व प्रथम मौसम के रुझान को भांप रहा है। एक-दो दिन पूर्व आई बरसात ने गेहूं काट रहे किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है। उधर, केंद्र एवं राज्य सरकार भी गेहूं खरीद पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। केंद्र सरकार एजेंसियों के माध्यम से गेहूं खरीद का डाटा इकठ्ठा कर रही है। साथ ही, राज्य सरकार भी मंडी के स्तर से गेहूं के आंकड़ों की अपडेट ले रही हैं। खरीद केंद्रों पर किसानों को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हो सके। इसका भी विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है। गेहूं खरीद को लेकर पंजाब से राहत भरा समाचार सुनने को सामने आया है। यहां गेहूं की धुआँधार खरीद होने का अंदाजा लगाया गया है। इससे यह बिल्कुल साफ है, कि किसान भी गेहूं बेचकर अच्छी-खासी आमदनी कर सकते हैं।

पंजाब में इतने करोड़ टन गेहूं की खरीद होने की संभावना

पंजाब की मंडियों में भी गेहूं पहुंचाया जा रहा है। अधिकारी भी गेहूं खरीदने में पूरी तेयारी से जुटे हुए हैं। फिलहाल, पंजाब सरकार के अधिकारी ने कहा है, कि मौजूदा रबी सत्र में गेहूं की खरीद काफी अच्छी होने की संभावना है। खरीद का आंकड़ा 1.2 करोड़ टन पहुंचने का अंदाजा है। जबकि विगत वर्ष गेहूं खरीद 96.47 लाख टन रही थी। लगभग 24 लाख टन का इजाफा दर्ज किया जा रहा है।

पंजाब में लगभग 14 लाख हेक्टेयर फसल को हुई हानि

पंजाब में मौसमिक अनियमितताओं के चलते बेमौसम हुई बारिश से तकरीबन 14 हैक्टेयर फसल पर काफी असर पड़ा है। वर्तमान में सांसद राघव चडढा की तरफ से भी प्रभावित किसानों की सहायता करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने बताया है, कि राज्य में समकुल 34.90 लाख हेक्टेयर में फसल की बुआई की गई है, वहीं इसमें से 14 लाख हेक्टेयर फसल काफी प्रभावित हो चुकी है। जो कि अपने आप में एक बड़ा हिस्सा है। राज्य के कृषि विभाग द्वारा 47.24 क्विंटल प्रति हेक्टेयर अथवा 19 क्विंटल प्रति एकड़ की औसत पैदावार की संभावना व्यक्त की गई है। इसी आधार पर आंकड़ा भी निकाला गया है।

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पंजाब के इन जनपदों को बेमौसम बारिश ने काफी प्रभावित किया है

ओलावृष्टि के साथ तीव्र हवाओं की वजह से पंजाब के मोगा, फाजिल्का, पटियाला और मुक्तसर सहित पंजाब के बहुत से अन्य इलाकों में भी गेंहू के साथ अन्य फसलें भी काफी प्रभावित हुई हैं। हालाँकि, सहूलियत की बात यह है, कि केंद्र सरकार की एजेंसियों के माध्यम से 18 फीसद तक भीगे, सिकुड़े और टूटे गेंहू के लिए छूट दे दी है। नतीजतन कृषकों को अत्यधिक हानि वहन नहीं करनी पड़ेगी। लेकिन, किसान भाइयों की यही अरदास है, कि गेंहू विक्रय से पूर्व बारिश ना हो जाए।
इस राज्य में गेंहू खरीदी के लिए 5900 खरीद केंद्र बनाए, MSP पर खरीदा जाएगा 60 लाख मीट्रिक टन गेंहू

इस राज्य में गेंहू खरीदी के लिए 5900 खरीद केंद्र बनाए, MSP पर खरीदा जाएगा 60 लाख मीट्रिक टन गेंहू

भारत के विभिन्न राज्यों में गेहूं खरीद चालू की जा चुकी है। उत्तर प्रदेश में 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जाएगा। साथ ही, गेंहू खरीदी हेतु 5900 खरीद केंद्र निर्मित किए गए हैं। भारत में गेहूं की कटाई काफी तीव्रता से कर दी गई है। जिन किसानों का गेहूं जैसे-जैसे कटता जा रहा है। वह मौसम के रुख को देखते हुए उनको विक्रय हेतु मंडी लेकर पहुंच रहा है। ज्यादातर राज्यों में गेहं खरीद की पहल चालू कर दी गई है। जिन राज्यों के अंतर्गत अब तक गेहूं खरीदी चालू नहीं हुई है। वहां तैयारियां चालू की जा चुकी हैं। इन्ही राज्यों में उत्तर प्रदेश भी शामिल हैं। बतादें, कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार गेहूं खरीद की तैयारियां काफी तेज कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश हैं, कि किसी भी स्थिति में मंडी में किसान भाइयों को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए।

उत्तर प्रदेश में 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित

उत्तर प्रदेश के अंदर लाखों की तादाद में किसान गेहूं का उत्पादन किया करते हैं। सीजन में लाखों टन गेहूं का मंडी में विक्रय किया जाता है। गेहूं उत्पादन के संबंध में उत्तर प्रदेश काफी बड़ा प्रदेश है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा फिलहाल गेहूं खरीद नीति 2023- 24 को स्वीकृति दी जा चुकी है। इस सीजन में किसान 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदी करेगी। इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,125 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। 

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उत्तर प्रदेश में गेंहू खरीदी के लिए 5900 क्रय केंद्र स्थापित किए हैं

किसान भाइयों को गेहूं खरीदने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। जिसके लिए राज्य में कुल 5,900 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। क्रय केंद्रों पर किसान हेल्प डेस्क सहित समस्त सुविधाएं उपलब्ध हैं। प्रदेश सरकार पूर्व से ही रबी सीजन 2023- 24 के लिए 2,125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदी की घोषणा पूर्व में ही कर दी थी। जिसके मन्देनजर कैबिनेट द्वारा फिलहाल इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। अब राज्य सरकार द्वारा समस्त जनपदों में गेहूं खरीद संबंधित आदेश जारी कर दिए हैं। 

प्रत्येक जनपद में डीएम बने नोडल अधिकारी

राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया है, कि गेहूं खरीद में लघु कृषकों का ज्यादा ध्यान रखा गया है। दरअसल, 60 क्विंटल से कम गेहूं विक्रय करने वाले कृषकों को खरीद में ज्यादा महत्व दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से संभागीय आयुक्तों को अपने संभालकों हेतु नोडल अधिकारी बनाया है। डीएम को स्वयं के स्तर से जनपद को नोडल अफसर बनाया है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से 1 अप्रैल से गेहूं खरीद चालू की जा चुकी है।

मध्य प्रदेश के किसानों की MSP से ज्यादा पर बिकेगी गेंहू की फसल

मध्य प्रदेश के किसानों की MSP से ज्यादा पर बिकेगी गेंहू की फसल

गेहूं की खेती (wheat cultivation) करने वाले किसानों के लिए खुशखबर आई है। राज्य सरकार की ओर से गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price of Wheat) पर खरीद की जानी है और इसके लिए रजिस्ट्रेशन किए जा रहे हैं। 

इसी बीच मध्य प्रदेश सरकार ने गेहूं की एमएसपी पर खरीद पर बोनस का ऐलान कर दिया है। अब किसानों को गेहूं का भाव केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) से अधिक मिलेगा। 

इससे किसानों को लाभ होगा। किसानों की गेहूं की उपज का भाव पहले से अधिक मिल सकेगा जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। 

मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में किसानों के लिए बड़े ऐलान हुए। मोहन कैबिनेट ने किसानों को गेहूं की खरीद पर 125 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने को मंजूरी दी है। 

बैठक में किसानों को प्रति क्विंटल 125 रुपए बोनस दिए जाने का फैसला किया गया है। इससे अब मध्य प्रदेश के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने पर एमएसपी (MSP) के साथ बोनस जोड़कर भुगतान किया जाएगा। इससे किसानों को इस बार निर्धारित एमएसपी से 125 रुपए का अलग से लाभ होगा।

मध्य प्रदेश के किसानों को एमएसपी से भी बढ़कर मिलेगा गेंहू मूल्य 

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में बहुत सारे महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इसमें राज्य के कृषकों को एमएसपी पर गेहूं की खरीद पर बोनस देना भी शम्मिलित है। 

इस निर्णय में कहा गया है, कि गेहूं का केंद्र सरकार की ओर से 2024-25 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) 2275 रुपए प्रति क्विंटल है, जिस पर राज्य सरकार किसानों को 125 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बोनस प्रदान करेगी। 

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इस प्रकार फिलहाल राज्य के किसानों को गेहूं की बिक्री एमएसपी (MSP) पर करने पर प्रति क्विंटल 2400 रुपए का भुगतान मिल सकेगा। सरकार की तरफ से कृषकों को गेहूं की खरीद पर बोनस का भुगतान करने के लिए राज्य सरकार पर 3850 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आएगा।

किसानों को एमएसपी पर गेंहू बिक्री से कितना लाभ होगा 

रबी विपणन सीजन 2023-24 में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल था जिसे केंद्र सरकार ने इस रबी विपणन सीजन 2024-25 के लिए 2275 रुपए कर दिया है। 

ऐसे में किसानों को पिछले साल के मुकाबले इस साल गेहूं बेचने से 150 रुपए अधिक मिलेंगे। वहीं राज्य सरकार की ओर से 125 रुपए का बोनस भी मिलेगा। ऐसे में मध्यप्रदेश के किसानों को इस बार गेहूं बेचने से प्रति क्विंटल 275 रुपए पिछले साल के मुकाबले अधिक मिलेंगे जिससे उन्हें लाभ होगा।

एमएसपी पर गेहूं बिक्री के लिए पंजीयन 16 मार्च तक किया जाएगा  

अगर आप मध्यप्रदेश के किसान हैं, तो आप रबी विपणन वर्ष 2024-25 के अंतर्गत एमएसपी पर गेहूं बेचने के लिए अपना पंजीयन करवा सकते हैं। किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पंजीयन की अवधि को 16 मार्च 2024 तक के लिए बढ़ाया गया है। 

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बतादें, कि मध्यप्रदेश में रबी विपणन वर्ष 2024-25 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि 1 मार्च निर्धारित की गई थी। इसके उपरांत समय-समय पर इस तिथि में परिवर्तन हुआ जिसको बढ़ाकर 10 मार्च 2024 किया गया। 

इसके बाद एक बार फिर अंतिम तिथि में बदलाव करते हुए इसकी अवधि 16 मार्च 2024 कर दी गई है। राज्य के किसान गेहूं बेचने के लिए 16 मार्च 2024 तक अपना पंजीयन करा सकते हैं।

इन राज्यों में गेहूं खरीद शुरू 72 घंटे के अंदर खरीद के भुगतान का आदेश

इन राज्यों में गेहूं खरीद शुरू 72 घंटे के अंदर खरीद के भुगतान का आदेश

पंजाब और हरियाणा में 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद चालू हो गई है। खरीद के लिए तीनों राज्यों में प्रशासन ने सभी इंतजाम पूरे कर लिए हैं। सरकार का कहना है, कि किसानों को किसी भी तरह की कोई दिक्कत पेश नहीं आने दी जाएगी।

गेहूं की खेती करने वाले किसान भाइयों के लिए खुशखबरी है। गेहूं की सरकारी खरीद अब चालू हो गई है। दरअसल, 1 अप्रैल से हरियाणा और पंजाब में गेहूं की खरीद शुरू हो गई है। 

गेहूं की खरीद के लिए दोनों राज्यों में प्रशासन ने सभी इंतजाम पूरे कर लिए हैं। सरकार का कहना है कि किसानों को किसी भी तरह की कोई दिक्कत पेश नहीं आने दी जाएगी। तीनों राज्यों में सरकार ने क्या-कुछ व्यवस्था कर रखी है।

हरियाणा राज्य में सैकड़ों क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं

अगर हरियाणा की बात की जाए तो सरकार ने प्रदेश भर में गेहूं की खरीद के लिए 414 क्रय केंद्र खोले हैं। बाजार समिति के अधिकारियों का कहना है, कि उन्होंने गेहूं खरीद के लिए पूरी तैयारियां कर ली हैं। 

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा खरीदे गए स्टॉक को मंडियों से गोदामों तक पहुंचाने के लिए टेंडर्स भी जारी कर दिए हैं। खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के निदेशालय ने कहा कि कुल 414 खरीद केंद्रों में से सर्वाधिक 63 सिरसा जनपद में स्थापित किए गए हैं। 

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इसके पश्चात फतेहाबाद में 51 क्रय केंद्र खोले गए हैं। कैथल और जींद जनपदों में क्रमशः 43 और 41 खरीद केंद्र तैयार किए गए हैं।

किसानों को 72 घंटे में एमएसपी का भुगतान सुनिश्चित होगा

बतादें, कि इस बार बीते साल की तुलना में गेहूं की अधिक आवक आने की संभावना है, जिसको देखते हुए फसलों की खरीद की बेहतरीन व्यवस्था की गई है। 

इस बार भी फसल खरीद का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से 48 से 72 घंटे के अंदर-अंदर सीधे कृषकों के खातों में भेजा जाएगा। सरकार ने खरीद के संबंध में सभी चीजों का ब्यौरा द‍िया है। 

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी) के साथ खरीद की तैयारियों के संबंध में बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।

पंजाब में गेंहू खरीद के लिए विशेष इंतजाम

हम यदि पंजाब की बात करें तो यहां भी आज से खरीद प्रारंभ हो चुकी है। मंडी बोर्ड ने गेहूं की खरीद के लिए अपनी तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। खरीद का कार्य 45 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 

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पंजाब मंडी बोर्ड ने ऐलान किया है, कि खरीद एजेंसियों की सलाह के मुताबिक विभिन्न एजेंसियों को 1,908 खरीद केंद्र आवंटित किए जाएंगे। 

मुख्य सचिव ने डीसी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है, कि खरीद के दौरान किसानों को किसी तरह की दिक्कत-परेशानी का सामना ना करना पड़े। इसके साथ ही उन्होंने किसानों को परेशानी मुक्त तरीके से शीघ्र भुगतान करने के भी निर्देश दिए हैं।